बगहा, मई 2 --   नौकरी से रिटायर होने के बाद पेंशन पर आश्रित रहने वाले जिले के हजारों महिला और पुरुषों को कई चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। अपनी बातों के बताने के दौरान उम्र के चौथे पायदान पर खड़े बेबस आंखों व उदास चेहरों पर समस्याओं का ज्वार साफ देखा जा सकता था। इनकम टैक्स के रूप में पैसा काट लेने, परिजनों से सम्मान नहीं मिलने, नॉमिनी का जिक्र नहीं होने, स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने, पेंशन की राशि रिवाइज नहीं होने जैसी असुविधाओं से जिले के हजारों पेंशनभोगी परेशान हैं। इनका कहना है कि प्रशासनिक पहले से उनकी अधिकतर समस्याओं का समाधान हो सकता है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। सेंट्रल बैंक के आरएम पद से सेवानिवृत एसएस दूबे ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पेंशन कोई दान नहीं है, यह पेंशनर का अधिकार है। इसलिए सैलरी बढ़ने पर पेंशन की राशि में भ...