नई दिल्ली, जुलाई 27 -- चंद्रकांत लहारिया,वरिष्ठ चिकित्सक आज (28 जुलाई) 'विश्व हेपेटाइटिस दिवस' है। इसी दिन 1965 में डॉ बारूच ब्लूमबर्ग ने हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज की थी, जो बीमारी की रोकथाम में बड़ी कारगर साबित हुई। इसके बाद इसके अन्य वायरस का भी पता चला। 1981 में दुनिया की पहली हेपेटाइटिस बी वैक्सीन भी आ गई, जो बड़ी उपलब्धि है। इस संदर्भ में इस साल की 'विश्व हेपेटाइटिस दिवस' की थीम 'हेपेटाइटिस इंतजार नहीं कर सकता' काफी मायने रखती है। हालांकि, हेपेटाइटिस सी के लिए टीका उपलब्ध नहीं है, पर 2014 में इसके लिए अत्यंत प्रभावकारी दवाइयां आईं, जो भारत में न के बराबर कीमत पर मिल जाती हैं। इतनी सफलताओं के बावजूद यह बीमारी आज भी एक बड़ी चुनौती है। साल 2022 में दुनिया भर में करीब 31 करोड़ लोग क्रोनिक हेपेटाइटिस बी व सी से पीड़ित थे और करीब 13 लाख लोगो...