आरा, जुलाई 18 -- पीरो। परमानपुर चातुर्मास्य व्रत स्थल पर भारत के महान मनीषी संतश्री लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने शुक्रवार को कहा कि पूरी दुनिया के लोगों के ईश्वर एक हैं। दर्शन अलग-अलग हैं। जैसे जैन दर्शन, इस्लाम दर्शन, आर्य दर्शन, बौद्ध दर्शन इत्यादि। लेकिन, हर पंथ दर्शन में किसी न किसी ईश्वर की शरणागति की जाती है। इस पूरी सृष्टि का संचालनकर्ता एक है। हम अलग-अलग पद्धति के अनुसार उनकी आराधना-पूजा इत्यादि करते हैं। नाम अलग-अलग है, जैसे खुदा, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, ओम् इत्यादि। कोई भी दर्शन ईश्वर से अलग नहीं है। स्वामी जी ने बताया कि चाहे राम के रूप में भगवान की आराधना करें, कृष्ण के रूप में करें, खुदा के रूप में करें, महावीर के रूप में करें या बुद्ध के रूप में या ओम के रूप में, सभी ईश्वर की आराधना करते हैं। अपमानित कर आज सभी...