हरिद्वार, मार्च 29 -- हरिद्वार। मायापुर स्थित नारायण शिला मंदिर के प्रबंधक एवं संचालक मनोज त्रिपाठी ने बताया कि शनि अमावस्या को शनैश्चरी अमावस्या कहा जाता है और यह अमावस्या पितृ कार्यों के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। बताया कि अमावस्या तिथि के स्वामी पितृदेव हैं। शनैश्चरी अमावस्या के दिन किए गए शांति उपाय तुरंत फलकारी होते हैं। इस दिन पितरों के लिए किए गए पूजन-तर्पण से कई गुना फल मिलता है। शनैश्चरी अमावस्या को पितृ पूजन से कालसर्प दोष, शनिचंद्र विषयोग, पितृदोष, सूर्यचंद्र विषयोग से मुक्ति मिलती है।

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