आजमगढ़, मार्च 20 -- आजमगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। पुस्तकें ज्ञान का वह संचित धन हैं जो कभी खर्च नहीं हो सकता। किताबें मात्र नैतिक संस्कृति की परिचायक नहीं है, बल्कि वह व्यक्ति की सफलता की गारंटी हैं। ये बातें मुख्य विकास अधिकारी परीक्षित खटाना ने कहीं। वे बुधवार को नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया, पर्यटन और संस्कृति विभाग और शुरुआत समिति की संयुक्त पहल पर आयोजित 25वें आजमगढ़ पुस्तक मेले के दूसरे दिन 'पुस्तक संस्कृति के उन्नयन में पुस्तकालय विषय पर आयोजित गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज के सूचना क्रांति के दौर में पुस्तकों का पढ़ना मात्र ज्ञान प्राप्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी पुस्तकें पढ़ना आवश्यक है। फोन अथवा लैपटाप की स्क्रीन ज्यादा देर तक देखने से स्वास्थ्य हानि का खतरा रहता है। पुस्तकें उस ...
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