रायबरेली, मार्च 19 -- महराजगंज। क्षेत्र के नारायनपुर मजरे मोन गांव में चल रहे मानस सम्मेलन में आचार्य पूर्णेद्र जी रामायणी ने राजा दशरथ द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ कराने की कथा सुनाई। कथा सुन श्रोता मंत्रमुग्ध नजर आए। आचार्य श्री रामायणी ने कहा कि देवराज इंद्र के राज दरबार में पुत्र न होने की वजह से राजा दशरथ का अनादर हुआ। राजा दशरथ ने श्रृंगि ऋषि से पुत्रेष्टि यज्ञ कराया, यज्ञ से प्राप्त खीर से ही उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम सहित अन्य पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।

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