लखनऊ, मई 13 -- स्वतंत्रता सेनानी मौलाना हसरत मोहानी की 74वीं पुण्यतिथि मंगलवार को मनाई गई। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ओल्ड ब्वायज़ एसोसिएशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में लोगों ने रकाबगंज स्थित मौलाना मोहानी की कब्र पर फातिहा पढ़ी। एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएम शोएब ने कहा कि मौलाना हसरत मोहानी स्वतंत्रता सेनानी के साथ पत्रकार, कवि, राजनीतिज्ञ और सूफी संत थे। उनका जन्म एक जनवरी 1875 को उन्नाव के मोहान कस्बे में हुआ था। उनका वास्तविक नाम सैयद फजल-उल-हसन था और उनका उपनाम हसरत मोहानी था। उन्हें 1921 में दिए गए उनके नारे इंकलाब ज़िन्दाबाद के लिए जाना जाता है। बताया कि वह भगवान श्रीकृष्ण से काफी प्रभावित थे। समय समय पर दर्शन के लिए मथुरा जाया करते थे। उनका यह शेर भी काफी मशहूर था, हसरत की भी कुबूल हो मथुरा में हाजिरी, सुनते हैं आशिकों पे तुम्हारा कर...