फरीदाबाद, फरवरी 17 -- फरीदाबाद। अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में बेलारूस से आई दो बहनें लाना स्लास्टन और तात्सियाना वोलकावा अपने साथ पुआल हस्तशिल्प कला और काॅटन से बने कपड़े को लेकर पहुंची है। वह पुआल हस्त शिल्पकला के माध्यम से पर्यटकों को पर्यावरण एवं प्रकृति संरक्षण का संदेश भी दे रही हैं। इस कला को बेलारूस में इबाक वुड हैंडी क्राफ्ट कहा जाता है। स्लास्टन को वर्ष समाप्त होते ही अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले के आयोजन का बेसब्री से प्रतीक्षा रहती है और करीब 15 वर्षों से अंतरराष्ट्रीय मेले में आ रही हैं। पुआल हस्त शिल्पकला बेलारूस के हर घर में की जाती है। पुआल से हैट, क्राउन, टोकरी, मूर्तियां, की-रिंग, फोटो फ्रेम सहित कई तरह की वस्तुएं बनाती हैं। लाना स्लास्टन ने बताया कि यह पूरी तरह प्राकृतिक होती है और बिना किसी खर्च के बन जाती है और बनने क...