पीलीभीत, नवम्बर 19 -- पीलीभीत। संसाधन विहीन और दुर्गम क्षेत्रों में विकास की रोशनी कैसे फैल सकती है, इसका सबसे सटीक उदाहरण पीलीभीत के हजारा क्षेत्र में देखने को मिलता है। यहां खादी सिर्फ बापू की विरासत नहीं, बल्कि आजीविका, आत्मनिर्भरता और नवाचार का मजबूत साधन बन चुकी है। खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत जानकी देवी खादी ग्रामोद्योग सेवा संस्था द्वारा शुरू की गई छोटी-सी पहल अब विशाल वटवृक्ष बनकर इलाके की पहचान बदल रही है। हजारा क्षेत्र की लगभग 113 महिलाएं इस प्लांट की रीढ़ बनी हुई हैं। कभी चरखे से धागा कातने का काम अब आधुनिक मशीनों के साथ बड़े स्तर पर हो रहा है। महिलाएं विभिन्न प्रकार के धागे तैयार कर परिधानों को नया स्वरूप दे रही हैं। उनकी भागीदारी ने न सिर्फ उत्पादन बढ़ाया, बल्कि पूरे क्षेत्...
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