जमशेदपुर, मई 11 -- प्रमथ नाथ बोस एक क्रांतिकारी भूविज्ञानी थे, जिनका प्रारंभिक जीवन पश्चिम बंगाल के गइपुर गांव में बीता। प्रकृति के साथ उनका गहरा जुड़ाव और यहां बिताए गए दिनों ने उन्हें भूगर्भ विज्ञान के प्रति एक सशक्त रुचि और जुनून दिया। इस ग्रामीण परिवेश से ही उनकी भूविज्ञान में करियर बनाने की प्रेरणा मिली, जिसने उन्हें न केवल एक महान वैज्ञानिक बल्कि भारत के औद्योगिक विकास के प्रमुख स्तंभों में से एक बना दिया।कृष्णनगर और सेंट जेवियर्स कॉलेज में शिक्षा प्राप्त करने के बाद, प्रमथ नाथ बोस ने 1874 में प्रतिष्ठित गिलक्रिस्ट स्कॉलरशिप प्राप्त की और लंदन के रॉयल स्कूल ऑफ माइंस में अध्ययन के लिए गए। विदेश में उच्च शिक्षा के पश्चात जब वे भारत लौटे, तो उन्होंने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया में योगदान दिया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने शिवालिक पह...