प्रयागराज, अक्टूबर 6 -- प्रयागराज, संवाददाता। व्यंजना आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी की ओर से प्रयाग संगीत समिति में चल रहे तीन दिवसीय लोक संस्कृति उत्सव के दूसरे दिन कई सत्रों में कार्यक्रम आयोजित हुए। पहले सत्र में 'भारतीय लोक संस्कृति की समृद्ध परंपरा व नवाचार विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई। उप्र राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्यकाम ने कहा कि भारतीय लोक संस्कृति गंगा की धारा के समान पावन और निरंतर है। नवाचार इसकी जीवंतता की वह कड़ी है, जिसमें इसे और ज्यादा बल मिलेगा। संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि प्रो. पीके मलिक, कथक नृत्यांगना उर्मिला शर्मा व वरिष्ठ रंगकर्मी अभिलाष नारायण ने विषय की महत्ता को रेखांकित किया। शाम के सत्र में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में बिरहा गायक मन्नू यादव ने बिरहा जब बोया पेड़ बबूल का आम कहां से खाय के साथ ही...