नई दिल्ली, दिसम्बर 21 -- ऐसे वक्त में, जब वैश्विक आबादी का करीब आधा हिस्सा (4.6 अरब लोग) जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं से महरूम हो, तब पारंपरिक चिकित्सा पर जोर देने की विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल महत्वपूर्ण है। नई दिल्ली में पारंपरिक चिकित्सा पर इसका दूसरा वैश्विक शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ, जिसमें पारंपरिक चिकित्सा से जुड़े तमाम पक्षों पर चर्चाएं की गईं। सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधियों ने न सिर्फ ब्राजील, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया, मेक्सिको, नेपाल, श्रीलंका जैसे 16 देशों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं, बल्कि आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों आयुष मार्क भी जारी किया गया, जो आयुष उत्पादों व सेवाओं की गुणवत्ता के लिए वैश्विक बैंचमार्क का काम करेगा। यह आयोजन भारत सरकार के साथ साझेदारी में किया गया था, जो जन-केंद्रित पारंपरिक चिकित्सा एजेंड...