नई दिल्ली, मई 18 -- मदन जैड़ा नई दिल्ली। भारत दोहरे मोर्चे पर रक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर काम कर रहा है। इस दिशा में उसे एक बड़ी सफलता मिली है कि टी-90 टैंक अब पानी में भी अब एक घंटे तक ऑपरेशन को अंजाम दे सकेंगे। टैंकों के क्रू के लिए ऐसे उपकरण तैयार कर लिए गए हैं, जो टैंक के पूरी तरह से पानी में डूबने के बावजूद क्रू को सक्रिय रखेंगे। दूसरे, शब्दों में कहें तो टैंकों के लिए नदियों को पार करना अब आसान हो गया है। सेना के पास 1100 से अधिक टैंक भारतीय सेना के पास रूसी तकनीक के टी-90 टैंक बड़ी संख्या में हैं। मोटे आकलन के अनुसार, 1100 से ज्यादा टैंक इस समय सेना संचालित कर रही है। ये सेना के मुख्य युद्धक टैंक हैं। भारत की पाकिस्तान और चीन से लगती सीमाओं पर अनेक नदी-नाले हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर टैंकों को पार करना पड़ सकता ...