बांका, सितम्बर 29 -- शंभूगंज (बांका), एक संवाददाता। क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर पानी के अभाव में धान फसल का नुकसान हो रहा है। जिससे किसानों की परेशानी बढ़ते जा रही है। जबकि कुछ साधन - संपन्न किसानों द्वारा बोरिंग से पटवन कर धान को बचाने की मशक्कत कर रहे हैं। वहीं नहर - केनाल जल की खुद प्यासी बन गई है। जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई। नहर की साफ-सफाई सहित कुव्यवस्था के प्रति सिंचाई विभाग उदासीन नजर आ रही है। बेलहर समीप बिज्जीखरवा से हजारों एकड़ भूमि पटवन होता था। लेकिन अधिकांश जगहों पर नहर मृतप्राय साबित हो रही है। वहीं दूसरी तरफ अपने देश की खुशबूदार देशी धान तुलसी मंजरी, कमोद, जीरासार, कतरनी सहित अन्य विलुप्त होने के कगार पर है। जबकि रत्ना, सेहला, केशौर, पूर्वी सहित अन्य देशी धान का नस्ल गुम होते जा रही है। वहीं आज - कल सीता, हजार, चौंसठ, ,...
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