गंगापार, जून 3 -- बारा/शंकरगढ़, हिन्दुस्तान संवाद। सरकार लाखों रुपए गोवंशों की देखभाल और संरक्षण के लिए खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। शंकरगढ़ विकासखंड के बेमरा स्थित गोवंश आश्रय स्थल की हालत बद से बदतर हो चुकी है। न तो गायों को समय पर चारा मिल रहा है और न ही सही तरीके से पीने का पानी उपलब्ध है। आश्रय स्थल में चारों ओर गंदगी ही गंदगी व्याप्त है। गोवंश आश्रय में सरकारी योजनाएं सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई हैं। आश्रय स्थल में न हरा चारा है न सूखा। सैंकड़ों गोवंश बदहाल हालत में पड़े हुए हैं। इस ग्राम पंचायत की ओर से इस आश्रय स्थल पर देखरेख के लिए चार कर्मचारियों रामनरेश, राजबली, हंसराज व संगीता को नियुक्त किया गया है। इन सभी को 5980 रुपए प्रतिमाह मानदेय के रूप में दिया जाता है, यानी कुल लगभग 24,000 प्रतिमाह का सरकारी ...