नई दिल्ली, जून 27 -- मिडिल ईस्ट में 12 दिनों तक चले खूनी संघर्ष के बाद अब सीजफायर लागू हो गया है। इस जंग में ना सिर्फ दोनों देशों ने एक दूसरे पर सैकड़ों मिसाइलें दागीं, बल्कि दर्जनों लोगों को जान भी गंवानी पड़ी। इस जंग में अमेरिका की सीधी एंट्री से तीसरे विश्व युद्ध की आशंका भी बन गई थी। इजरायल और अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर सटीक हमले किए हैं, जिसके बाद ईरान ने भी नुकसान की बात स्वीकार की है। हालांकि ईरान में मची इस तबाही के बीच भी ईरान के चाबहार बंदरगाह को नुकसान नहीं पहुंचा। इसमें भारत की भी बड़ी भूमिका रही। हालांकि ईरान का चाबहार पोर्ट देश का प्रमुख व्यापार मार्गों में से एक है, फिर भी यह बंदरगाह मिसाइल और ड्रोन हमलों से अछूता रहा। भीषण जंग की स्थिति में जब व्यापार में मंदी और प्रमुख मार्गों पर हालात बिगड़ रहे थे, बंदरगाह के र...