रुद्रपुर, मई 25 -- हल्द्वानी। उत्तराखंड वन विभाग की अनुसंधान शाखा जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में शानदार काम कर रही है। बीते पांच वर्षों में विभाग ने 2228 पौधों की प्रजातियों को संरक्षित किया है, जो वर्ष 2020 में संरक्षित 1145 प्रजातियों से दोगुना है। वनस्पतियों को दो तरीके से संरक्षित किया जा रहा है। पहली संरक्षित करने की तकनीक इन-सीटू यानि वनस्पतियों को उनके प्राकृतिक वास स्थल पर उनको संरक्षित करना है और दूसरी एक्स-सीटू यानि प्राकृतिक वास स्थल से बाहर लाकर वनस्पति को संरक्षित करना है। अनुसंधान शाखा द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि संरक्षित प्रजातियों में 120 लुप्तप्राय और संकटाग्रस्त प्रजातियां शामिल हैं, जिनमें से 75 प्रजातियां अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) की रेड लिस्ट में दर्ज हैं। इनमें व्हाइट हिमालयन लिली, ...