देहरादून, अप्रैल 29 -- उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों की बंजर जमीनों पर केंद्र की इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम और राज्य की एमएसएमई नीति के तहत सोलर प्लांट लगाने वाले राज्य के कई युवा फंस गए हैं। प्लांट लगने के चार साल बाद भी सब्सिडी न मिलने से उनके सामने बैंक करप्ट होने की नौबत आ गई है। उत्तराखंड अक्षय ऊर्जा अभिकरण ने टेंडर के जरिए 250 मेगावाट सोलर प्लांट आवंटित किए थे। उसमें उल्लेख किया गया था कि योजना के तहत लगने वाले सोलर प्लांट को केंद्र की इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट स्कीम या फिर राज्य की एमएसएमई नीति के तहत सब्सिडी दी जाएगी। प्लांट लगने के बाद 150 के करीब लोगों ने केंद्र की स्कीम के तहत सब्सिडी के लिए आवेदन किया। लेकिन केंद्र सरकार ने बीच में ही योजना को बंद कर दिया। निवेशक राज्य की सब्सिडी के लिए आवेदन नहीं कर पाए। जिससे वह राज्य व केंद्र...