मनीष मिश्र, जुलाई 26 -- न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस दिमागी बीमारी है। टीनिया सोलियम नामक कीड़ा दिमाग में पहुंचने से यह बीमारी होती है। इस कीड़े के अंडे हरे पत्तेदार सब्जियों, फल में पाए जाते हैं। गंदगी में रखे, अधपके और बगैर धुले फल और सब्जियों के सेवन से अंडा मरीज की आंतों में पहुंच जाता है, जहां वह कीड़े में तब्दील हो जाता है। इसे टेपवर्म या फीताकृमि भी कहते हैं। आंतों से खून के जरिए यह कीड़ा दिमाग तक पहुंच जाता है। दिमाग में पहुंचने के बाद कीड़ा तंत्रिकाओं को नष्ट करने लगता है। इसके पीड़ित मरीजों को झटके आते हैं। जब कीड़े दिमाग को ज्यादा नष्ट करने लगते हैं तो सर्जरी करने की भी नौबत आ जाती है। ये तो बात हुई न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस की। लेकिन अब हम आपको बताने जा रहे हैं कि शराब पीने वाले 3 मरीजों के दिमाग में इस कीड़े के पहुंचने पर ऐसा क्या हुआ जिस...