कन्नौज, फरवरी 27 -- कन्नौज । जिले में खोले गए पशु चिकित्सा केंद्र और पशु सेवा केंद्र बेमतलब साबित हो रहे हैं। इनमें से कई केंद्रों पर डॉक्टर नहीं हैं, तो कई पर दवाओं का टोटा है। ऐसे में क्षेत्रीय पशुपालकों को मुसीबतें झेलनी पड़ रही हैैं। पशुओं में फैलने वाली मौसमी बीमारी से लेकर अन्य रोगों में इलाज के लिए उन्हें दूरदराज स्थित अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ती है। चिकित्सक के न मिलने और दवाओं के अभाव में कई बार पशुओं की मौत भी हो जाती है। वहीं भूसे का भाव आठ सौ रुपये तक जा पहुंचा है। महंगाई के इस दौर में पशुपालक यह नहीं समझ पा रहे हैं कि अपना पेट भरें या फिर पशुओं का। पशुपालन व्यवसाय, जो हमेशा से मुनाफे का सौदा माना जाता था, अब घाटे का सौदा होता जा रहा है। किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है और वे अपने पशुओं को बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं। ...