बलिया, सितम्बर 13 -- रामगढ़। गंगा नदी की लहरें नदी पार की पंचायत नौरंगा के चक्की-नौरंगा पर कहर के रूप में टूट पड़ी हैं। यदि कोई करिश्मा हुआ भी और कुछ आबादी बच भी गयी तो भी यहां की निशानियां यादों में सिमट कर रह जायेगी। निर्माणाधीन शिवमंदिर, बाढ़ शरणालय, कुंआ आदि तो पिछले एक माह के अन्दर विलीन हो ही चुके थे, शनिवार को करीब चार सौ घरों के हजारों की आबादी की जरूरते पूरी करने वाला चक्की-नौरंगा बाजार का अस्सी प्रतिशत हिस्सा भी कटान की भेंट चढ़ गया। यहां की सिर्फ निशानियां ही नहीं, शनिवार को नदी के कटान से फैली दहशत भी यहां के लोग शायद ही कभी भूल पाएंगे। आलम यह था कि बाजार स्थित कुल 17 दुकानों वाला भोला ठाकुर का दो मंजिला मकान (कटरा) दो मिनट के अन्दर नदी में विलीन हो गया। ग्रामीणों के अनुसार इसके निचले तल पर 10 तथा ऊपरी टल पर सात दुकानें थीं। हालां...
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