गंगापार, जून 18 -- प्रदूषण विश्व के सामने बड़ी चुनौती है। प्लास्टिक की प्रदूषण बढ़ाने में बड़ी भूमिका है। अब समय आ गया है कि इफको परिसर को प्लास्टिक मुक्त किया जाए। यह बातें इफको घियानगर के सामुदायिक केन्द्र में पर्यावरण सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित करते हुए इफको के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक संजय कुदेशिया ने बतौर मुख्य अतिथि कही। कहा कि परंपरागत यूरिया का भी 30 प्रतिशत ही उपयोग हो पाता है, शेष जल तथा मिट्टी को प्रदूषित करता है। जबकि नैनो उर्वरक का छिड़काव फसल के पत्तों पर किया जाता है। जो अवशोषित होकर फसल को पोषण देता है। वरिष्ठ प्रबंधक ईपीसी उमेश कुमार ने कहा कि कई शोध में पता चला है कि आज दो एटीम के बराबर प्लास्टिक किसी न किसी रूप में हमारे शरीर में है जो विभिन्न बीमारियों का कारण बन रहा है। बच्चों द्वारा पर्यावरण के प्रति जागरूकता फ...