रांची, मार्च 20 -- रांची। वरीय संवाददाता पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा झारखंड प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ दिलीप सोनी ने कहा है कि परिसीमन राज्यहित में अनिवार्य है। राज्य में जनसंख्या के अनुपात में विधानसभा एवं लोकसभा में सीटों का निर्धारण होना चाहिए था। जनसंख्या को आधार मानकर 160 विधानसभा की सीट और 21 लोकसभा की सीटें होनी चाहिए। राज्य निर्माण के समय ही उत्तराखंड व छत्तीसगढ़ की तर्ज पर सीटें बढ़ानी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण के बाद वर्ष 2008 में देश में परिसीमन लागू किया गया था, परंतु झारखंड में परिसीमन लागू नहीं करना झारखंड की जनता के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि कुछ नेताओं के स्वार्थ में परिसीमन लागू नहीं होने दिया गया। परिसीमन के तहत विधानसभा की 160 सीट बढ़ने से संवैधानिक प्रक्रिया के तहत झारखंड में भी विधान परिष...