झांसी, फरवरी 16 -- झांसी (मऊरानीपुर), संवाददाता ग्राम पंचायत ढ़करवारा स्थित कबाई माता मंदिर के परिसर में चल रही भागवत कथा में पं. सत्यप्रकाश गौड़ ने ध्रुव चरित्र का वर्णन किया। कहा, ध्रुव की सौतेली मां सुरुचि के द्वारा अपमानित होने पर भी उसकी मां सुनीति ने धैर्य नही खोया। जिससे एक बहुत बड़ा संकट टल गया। परिवार को बचाए रखने के लिए धैर्य संयम की नितांत आवश्यकता होती है। भक्त ध्रुव ने तपस्या कर श्रीहरि को प्रसन्न किया। पुराण वक्ता ने कहा कि भक्ति के लिए कोई उम्र बाधा नही है। जिससे बच्चों को बचपन में ही भक्ति करने की प्रेरणा देनी चाहिए, क्योंकि बचपन कच्ची मिट्टी की तरह होता है उससे जैसा चाहें वैसा पात्र बनाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि पाप के बाद कोई व्यक्ति नरकगामी हो, इसके लिए श्रीमद् भागवत में श्रेष्ठ उपाय प्रायश्चित बताया है। अजामिल उपाख्...