मुजफ्फरपुर, जून 28 -- मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। परिवार को पकड़ें या जॉब को, समझ से बाहर है सर...। मैं तो न ससुराल में हूं और न ही मायके में। 18 साल से सारण में नौकरी कर रही हूं। अभी जब स्थानांतरण का आदेश आया तो लगा कि ईश्वर ने रहम की है, मगर मुझे तो जिला तक आवंटित नहीं हुआ। कुछ कीजिये, नहीं तो मैं मर जाऊंगी। शुक्रवार को शिक्षा कार्यालय में अपनी पीड़ा को बयां करतीं ऐसी कई शिक्षिकाएं फफक पड़ीं। अन्य जिलों में पदस्थापित मुजफ्फरपुर की दर्जनों महिला शिक्षकों ने अपने परिवार को बचाने की गुहार लगाई है। महिला शिक्षकों ने कहा कि सर कुछ कीजिए, नहीं तो अब हमें घर से भी अल्टीमेटम मिल रहा है। इन महिला शिक्षकों में कई की पीड़ा यह थी कि उन्हें जिला मिला भी तो स्कूल आवंटित नहीं हुआ। महिलाओं ने कहा कि जो मायके में हैं, उन्हें पति और बच्चों के साथ रहने ...
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