प्रयागराज, दिसम्बर 31 -- प्रयागराज। परिवार में दादा पुरोहित रहे, जबकि पिता निजी फैक्टरी में काम करते हैं। गांव में परिवार की इज्जत को बचाने के लिए प्रयागराज में रहकर मजदूरी करना पड़ता है। लेकिन शीतलहर व कोहरे की वजह से दस दिन से काम नहीं मिल रहा है। समझ नहीं आ रहा है कि परिवार की इज्जत बचाए या पेट की भूख! यह दर्द मंगलवार को राजापुर हनुमान मंदिर के समीप अस्थायी लेबर मंडी में काम की तलाश में खड़े दिहाड़ी मजदूर कृष्ण मोहन मिश्रा ने बयां की। कृष्ण मोहन ने बताया कि आठ साल से घर परिवार से दूर रहकर काम कर रहा है। ताकि पत्नी-बच्चों की जरूरत पूरी हो सके। लेकिन, कई दिनों से काम नहीं मिल रहा है। लेबर मंडी में 'हिन्दुस्तान' अखबार की पड़ताल में सिर्फ कृष्ण मोहन ही नहीं बल्कि अधिकांश दिहाड़ी मजदूरों का कुछ ऐसा ही दर्द देखने को मिला। आसपास के जिलों से आ...