संतकबीरनगर, नवम्बर 1 -- संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व जयप्रकाश ने कहा कि पराली, फसल अवशेष को खेतो में जलाए जाने वालों की निगरानी करें। पराली जलाने वालों को दंडित करें। उप कृषि निदेशक ने बताया कि धान की कटाई एवं गेहूं की बुवाई के मध्य कम समय मिलने के कारण किसान खेत जल्दी खाली करने के उद्देश्य से कंबाइन मशीन अथवा धान की कटाई के उपरांत मड़ाई के उपरांत धान की पराली को जला देते हैं। जिससे न सिर्फ पर्यावरण को क्षति पहुंचती है बल्कि मृदा स्वास्थ्य भी खराब होता है। पराली जलाने से स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां हो जाती हैं एवं सड़क इत्यादि पर घने धुएं के कारण दुर्घटना की भी स्थिति बनती है। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में धान-गेहूं फसल चक्र अपनाए जाने एवं किसानों द्वारा गोवंश पशुपालन में कमी के कारण यह सम...