विकासनगर, अक्टूबर 27 -- बद्री केदार मित्र मंडली की ओर से सेलाकुई और आस पास के क्षेत्रों में इगास बग्वाल को परंपरागत तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया। रविवार को नगर में आयोजित बैठक में इगास के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई। मित्र मंडली के सदस्यों ने क्षेत्र में इसको लेकर जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय भी लिया। बद्री केदार मित्र मंडली के पदाधिकारी नागेंद्र प्रसाद बेंजवाल ने बताया कि दीपावली के 11 दिन बाद मनाई जाने वाली इगास बग्वाल सांस्कृतिक धरोहर है। इसे 'बूढ़ी दीपावली' और कणसी बग्वाल भी कहा जाता है। इस पर्व का उद्देश्य न केवल पुरानी परंपराओं का सम्मान करना है, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को जिंदा रखना भी है। बताया कि दीपावली के 11 दिन बाद इस पर्व को मनाने के पीछे प्राचीन मान्यता है कि गढ़वाल में भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने...