नई दिल्ली, अगस्त 25 -- गणेश देवताओं के बीच केवल पूजनीय नहीं, बल्कि सबसे आत्मीय भी प्रतीत होते हैं। उनका रूप अद्वितीय है, तो जीवन के गूढ़ रहस्यों से ओत-प्रोत भी। वह विघ्नन के हर्ता हैं, परंतु केवल संकटों को हरते नहीं, बल्कि जीवन की जटिलताओं को सरलता में रूपांतरित कर देने वाले सृष्टिकर्ता भी हैं। उनके मस्तक पर हाथी का स्वरूप केवल बल का प्रतीक नहीं, बल्कि स्मृति और धैर्य का द्योतक है। हाथी की प्रज्ञा और स्थिरता से युक्त यह रूप बताता है कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए केवल शक्ति नहीं, धैर्य भी अनिवार्य है। उनके कान इतने विशाल हैं, मानो वे सम्पूर्ण जगत की ध्वनियों को सुन सकें- मनुष्य की करुण पुकार से लेकर ब्रह्मांडीय निनाद तक। उनकी आंखों में गहन आत्मीयता है, जो यह स्मरण कराती है कि शक्ति जब करुणा से जुड़ती है, तभी दिव्यता प्रस्फुटित होती है। उनका...
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