नई दिल्ली, जुलाई 22 -- सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की एक महिला अधिकारी और उनके अलग रह रहे पति को तलाक लेने की अनुमति दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने उनके द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ दायर कई दीवानी और आपराधिक मामलों को रद्द कर दिया। सीजेआई बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने महिला IPS अधिकारी और उनके माता-पिता को अलग रह रहे पति के परिवार से बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया है। पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 2015 में हुई शादी के 2018 में टूट जाने के बाद उनके बीच लंबी कानूनी लड़ाई का अंत करने का आदेश दिया। आर्टिकल 142 के तहत शीर्ष अदालत को अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले में 'पूर्ण न्याय' के लिए आवश्यक कोई भी आदेश जारी करने का अधिकार देता है। पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलो...