नई दिल्ली, नवम्बर 17 -- विभूति नारायण राय,पूर्व आईपीएस अधिकारी सभी जानते हैं कि हिटलर किसी सैन्य कार्रवाई द्वारा नहीं, वरन जनता के प्रतिनिधियों के कंधों पर चढ़कर संसद के अंदर पहुंचा था। ठीक उसी तरह, पाकिस्तान के नए तानाशाह फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को नेशनल असेंबली के चुने हुए सदस्यों ने जबर्दस्त बहुमत से वे सारे अधिकार दे दिए, जिन्होंने बिना वर्दी उतारे उन्हें सैन्य और असैन्य मामलों में मुल्क का सबसे ताकतवर इंसान बना दिया है। यह अलग बात है कि इन चुने हुए सदस्यों को जनता ने नहीं, फौज ने ही चुना है। उसने ही आम जन के बीच सबसे लोकप्रिय नेता इमरान खान के जीते उम्मीदवारों की जगह अपने पसंदीदा लोगों को विजेता के सर्टिफिकेट बंटवा दिए थे। इसके पहले चार बार सैनिक तानाशाहों को नागरिक सरकारों का तख्ता पलटकर मार्शल लॉ लगाना पड़ा था, पर इस बार संविधान के...