कानपुर, फरवरी 15 -- कानपुर। नाट्य वास्तु सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था ने शनिवार को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के भारत रंगम व विश्व जन रंग के तहत रोमी अड्डा पर लघु नाट्य पंचम वेद का मंचन किया। त्रेता युग में जब मनुष्य काम और लाभ ने वशीभूत होकर अधर्म और संहार के मार्ग पर बढ़ने लगा। तब इंद्र ने ब्रह्मा जी से प्रार्थना की कि सामान्य जन को नाटक के माध्यम से शिक्षा व धर्म के मार्ग पर लाया जाए। इसी उद्देश्य के साथ ब्रह्मा जी ने चारों वेदों के तत्वों को मिलाकर नाट्य शास्त्र की रचना की। पाठ ऋग्वेद से गान सामवेद से तथा अभिनय यजुर्वेद से व रस अथर्ववेद से लिया। भरत मुनि ने इसे पंचम वेद नाम दिया। गुरजीत सिंह ने भरत मुनि का उत्कृष्ट अभिनय किया। नाटक का निर्देशन प्रवीन कुमार अरोड़ा ने किया।

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