नई दिल्ली, अक्टूबर 31 -- केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने देश में श्रमिकों के लिए नई नीति बनाने का फैसला किया है। इस निमित्त मंत्रालय की ओर से नई श्रम नीति नाम से एक मसौदा भी जारी कर दिया गया है। मंत्रालय ने मसौदा नीति को अंतिम रूप देने और अनुमोदन के लिए मंत्रिमंडल को भेजने से पहले इस पर राय और प्रतिक्रियाएं मांगी हैैं। दरअसल, देश में एक नई श्रम नीति की जरूरत वर्षों से महसूस की जा रही थी। भारत में अलग-अलग पुरानी श्रम नीतियों को अलग-अलग समय पर लागू किया गया था। उदाहरण के लिए, न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 में लागू हुआ, जबकि बाल एवं किशोर श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 में पारित हुआ। इसी तरह कारखाना अधिनियम 1948, औद्योगिक संघर्ष अधिनियम 1947, भारतीय श्रम संघ अधिनियम 1926, भृति-भुगतान अधिनियम 1936, श्रमजीवी क्षतिपूर्ति अधिनिय...