गंगापार, जुलाई 4 -- नैनो उर्वरकों का प्रयोग टिकाऊ खेती एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। नैनो उर्वरक ही किसानों की किस्मत बदलेगी। यह बातें फूलपुर के चैमलपुर गांव में धान की फसल पर नैनो उर्वरक के प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए इफको के जनसंपर्क अधिकारी स्वयं प्रकाश ने शुक्रवार को बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषकों को नवीन कृषि तकनीक, नैनो उर्वरकों के लाभ, मृदा संरक्षण, एवं मिट्टी की जांच के प्रति जागरूक करना है। किसान गोष्ठी में कोर्डेट के प्रधानाचार्य डॉ डीके सिंह कहा कि नैनो डीएपी तरल से बीजों को 5 मिली नैनो डीएपी प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करने के पश्चात 30-35 मिनट तक छांव में सुखाकर ही बुवाई करें। इसके बाद नैनो डीएपी और नैनो यूरिया प्लस का छिड़काव फसल की वृद्धि एवं पोषण क...