नई दिल्ली, सितम्बर 11 -- पिछले तीन-चार वर्षों में भारत के पड़ोसी देशों में जिस तरह से सत्ता परिवर्तन और राजनीतिक भूचाल आया है, उसने पूरे दक्षिण एशिया की तस्वीर बदल डाली है। पाकिस्तान में इमरान खान की बेदखली से शुरू हुई कहानी श्रीलंका के आर्थिक संकट और गोटबाया राजपक्षे की विदाई तक पहुंची, फिर बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी और अब नेपाल में केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। यह सब संयोग नहीं है, बल्कि एक पैटर्न है, जिसे नजरंदाज करना मुश्किल है। खासकर यह देखते हुए कि ये सभी घटनाक्रम हमारे आस-पास हो रहे हैं। नेपाल में अचानक भड़के जेन-जी प्रदर्शनों ने दिखा दिया है कि आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया के जरिये कितनी तेजी से संगठित हो सकती है। सोशल मीडिया मंचों पर प्रतिबंध से भड़की आग इतनी फैल गई कि सड़कों पर खून-खराबा शुरू हो गया और ...