सुल्तानपुर, मार्च 11 -- फोटो नं. 18- मुफ्ती अब्दुल्ला अंजुम सुलतानपुर। रमजान में नेकी (पुण्य) कार्य करने को प्रधानता दी जाती है। इस माह को नेकियों और इबादत का महीना यानि पुण्य और उपासना का माह माना जाता है। रमजान का महीना कभी 29 दिन का तो कभी 30 दिन का होता है। इस महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा (उपवास )रखते हैं। रोजा (उपवास) को अरबी में 'सौम' कहा जाता है। इसलिए इस मास को अरबी में माह-ए-सियाम भी कहते हैं। फ़ारसी में उपवास को रोज़ा कहते हैं। भारत के मुस्लिम समुदाय पर फ़ारसी प्रभाव ज़्यादा होने के कारण उपवास को फ़ारसी शब्द ही उपयोग किया जाता है। इस महीने की विशेषताएं महीने भर रोजे (उपवास) रखना, रात में तरावीह की नमाज पढ़ना ,कुरआन पाक की तिलावत करना, एतिकाफ (एकांतवास)में बैठना, गांव और देश के लोगों के उन्नति व कल्याण के लिए अल्लाह से दु...
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