नई दिल्ली, अप्रैल 28 -- शहर में नृत्य के बढ़ते चलन ने सामाजिक सोच को बदला है और युवाओं के लिए नए अवसर गढ़े हैं। अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस पर 'बोले अलीगढ़' के तहत हिन्दुस्तान समाचार पत्र ने कुछ ऐसे ही चेहरों से बातचीत की। अलीगढ़ में अब नृत्य को सिर्फ मनोरंजन नहीं, एक सुनियोजित करियर विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। कथक, भरतनाट्यम, हिप-हॉप, कंटेम्परेरी, सालसा और फ्यूजन जैसे विभिन्न शैलियों में प्रशिक्षित युवाओं ने नृत्य को अपना पेशा बना लिया है। शहर में करीब 25 से अधिक डांस स्टूडियो सक्रिय हैं। जहां हर उम्र के लोग प्रशिक्षण ले रहे हैं। डांस एकेडमीज़ के संचालकों के अनुसार, बीते पांच वर्षों में प्रोफेशनल डांस कोचिंग लेने वालों की संख्या 40 फीसद से अधिक बढ़ी है। अब नृत्य केवल बच्चों का शौक नहीं रहा। युवा भी प्रतियोगिताओं, इवेंट्स और डिजिटल प्ल...