कटिहार, मई 4 -- कटिहार, एक संवाददाता राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(एनडीए) के नेता पूर्व एमएलसी भूमि पाल राय ने जिला अतिथि गृह में एनडीए के नेताओं के साथ प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि नीतीश ने जो दिखाया था। अब देश ने उसे अपनाया है। उन्होंने कहा कि 1931 की जनगणना अंतिम पूर्ण जातिगत गणना मानी जाती है। 1941 में गणना अधूरी रही।मगर किसी सरकार आदेश से इसे रोका नहीं गया। 1931 में डिप्रेस्ड क्लास की श्रेणी बनाई गई और छुआछुत, मंदिर प्रवेश जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक विषयों को दर्ज किया। भारत सरकार अधिनियम 1935 के बाद एसीएसटी की अवधारणा हुई है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने सबसे पहले जातिगत जनगणना की आवाज 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह के समक्ष बतौर कृषि मंत्री के रूप में उठाई थी। 1994 में नीतीश कुमार ने लोकसभा में जातिगत जनगणना की मांग की थी। 20...