नई दिल्ली, फरवरी 27 -- नई दिल्ली। मुद्रास्फीति के जनवरी महीने में कम होकर 4.3 प्रतिशत पर आने से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिए नीतिगत दर में कटौती को लेकर गुंजाइश बढ़ी है। प्रतिष्ठित शोध संस्थान नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लायड इकनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में यह कहा है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में नीतिगत दर रेपो 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दी है। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक अप्रैल में होनी है। समीक्षा में कहा गया है कि प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद भी कुछ प्रमुख आंकड़े जैसे विनिर्माण के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक, जीएसटी संग्रह और वाहन बिक्री अर्थव्यवस्था में बदलाव के संकेत दे रहे हैं।
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