नई दिल्ली, मई 3 -- जनपद की सरकारी व्यवस्था के अलावा मान्यता प्राप्त स्कूलों के जरिए बच्चों को शिक्षित किया जाता है। जिससे कि बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर उनका बेहतर भविष्य बन सके। निजी स्कूल संचालक अपनी तमाम समस्याओं को लेकर आज भी अपने आपको उपेक्षित महसूस करते है। सुविधाओं के लिए सरकार की ओर निहारते रहते है,लेकिन इसके बाद भी निजी स्कूल संचालकों की कोई सुनवाई नहीं होती है। हिन्दुस्तान ने निजी स्कूल संचालकों के पास पहुंचकर जब उनकी पीड़ा सुनी तो उनका दर्द छलक उठा। शिक्षक श्यामवीर ने बताया कि सरकार मोटा वेतन सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को देती है,लेकिन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। शिक्षक रेशम पाल ने बताया कि सरकारी स्कूलों की तरह मान्यता प्राप्त विद्यालयों में ईमानदारी के साथ शिक्ष...
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