मेरठ, मई 16 -- अभिनय एक शाश्वत कला है। हर व्यक्ति निजी जीवन में नाटक करता है। गाना गाता है। नाचता है। मनोरंजन करता है। मगर अभिनय की कार्यशाला में कला की हर विधा को सबसे बेहतर करना सिखाया जाता है। फिर रंगमंच हो या टेलीविजन का छोटा या बड़ा पर्दा, छात्रों को जो भी मंच दिया जाएगा वो उस पर कुछ बेहतर करके दिखा सकेंगे। आईआईएमटी विवि में शुक्रवार को शुरू हुई सात दिवसीय रंगमंच की वर्कशॉप में यह बात प्रति कुलाधिपति और संस्कार भारती मेरठ महानगर के अध्यक्ष डॉ.मयंक अग्रवाल ने कही। भारतेंदु नाट्य अकादमी लखनऊ, संस्कार भारती मेरठ और आईआईएमटी विवि के स्कूल ऑफ मीडिया फिल्म्स एंड टेलीविजन स्टडीज के संयुक्त तत्वाधान में यह वर्कशॉप शुरू हुई है। अकादमी सदस्य भारत भूषण शर्मा के अनुसार वर्कशॉप में अभिनय के विभिन्न आयामों से परिचित कराकर विद्यार्थियों का रंगमंच और...