सोनभद्र, फरवरी 17 -- अनपरा,संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ग्रेटर नोएडा और आगरा में किए गए निजीकरण के करार भारी अनियमितता के चलते रद्द किए जाने की मांग की है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि 01 अप्रैल 2010 को आगरा शहर की विद्युत व्यवस्था टोरेंट पावर कंपनी को सौंपी गई थी। उस समय उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन का आगरा शहर का 2200 करोड़ रुपए का राजस्व का बकाया था। निजीकरण की शर्त थी की यह धनराशि टोरेंट पावर कंपनी वसूल कर पावर कारपोरेशन को देगी। पावर कॉरपोरेशन इसके ऐवज में टोरेंट पावर कंपनी को 10 प्रतिशत प्रोत्साहन धन राशि देगा लेकिन 15 वर्ष के बाद भी टोरेंट पावर कंपनी ने यह धनराशि, पावर कारपोरेशन को वापस नहीं की और न ही बकायादारों के कनेक्शन काटे है। नतीजतन आगरा में निजीकरण की शुरुआत ही पावर कारपोरेशन को 2200...
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