संतकबीरनगर, सितम्बर 10 -- संतकबीरनगर, निज संवाददाता। अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में मंगलवार को बिजली कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में धरना दिया। कर्मचारियों ने कहा कि यह विरोध तब तक चलता रहेगा जब तक सरकार निजीकरण के फैसले को वापस नहीं कर देती। संघर्ष समिति के पदाधिकारी नारायण चंद्र चौरसरिया ने कहा कि 220 केवी और इससे अधिक क्षमता के विद्युत उपकेंद्रों और लाइनों का कार्य टीबीसीबी प्रक्रिया के तहत देने का निर्णय वस्तुतः पूरे ट्रांसमिशन सेक्टर के निजीकरण का राजमार्ग है। 100 करोड़ रुपए की लागत से अधिक की ट्रांसमिशन परियोजनाओं पहले ही टीबीसीबी प्रक्रिया के तहत निजी घरानों को दी जा रही हैं। उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग लगभग 31000 मेगावॉट है वहां उत्तर प्रदेश का सरकारी क्षेत्र का कुल उत्पादन इसका पांचवा हिस्सा लगभग 60...