चमोली, सितम्बर 16 -- आपदा और सड़क टूटने से गांवों का जन जीवन अभी भी पटरी पर नहीं आया है। हालत यह है कि गांवों की सड़कें टूटने से प्रभावितों गांवों के लोगों को नमक की थैली और सिर दर्द की दवाई तक लेने के लिए पहाड़ों के पैदल रास्तों और उफनते गदेरों के बीच 8 से 10 किमी पैदल चल कर बाजार आना पड़ रहा है। चमोली जिले में निजमूला घाटी और दूरस्थ गांव गौणा-इराणी की सड़क पिछले तीन महीनों से अवरुद्ध पडी़ है। यह सड़क 21 जून से अवरुद्ध पडी़ है। इराणी के पूर्व ग्राम प्रधान मोहन ने बताया सड़क बाधित होने से क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांव प्रभावित हैं। सड़क न होने से गांव के लोगों को टूटे पहाड़ी रास्तों और उफनते गदेरों को पार कर 8 किमी बाजार आना पड़ रहा है। बीमार होने पर या गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए निजमूला से 50 किमी दूर गोपेश्वर आना पड़ रहा है। पडे...