बाराबंकी, मई 30 -- निन्दूरा। विकास खण्ड निन्दूरा क्षेत्र के मुनीमपुर बरतारा गांव में श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा व्यास द्वारिका नंद महाराज ने पंडाल में मौजूद श्रोताओं को बताया कि देव ऋषि नारद भगवान विष्णु के परम भक्त थे। भगवान की भक्ति करने के लिए हिमालय की कंदरा में जाकर एक झरने के किनारे बैठ गए। बड़ी सुंदर गुफा थी गुफा में बैठते ही देव ऋषि नारद की समाधि लग गई। भगवान के स्वरूप का आनंद प्राप्त करने लगे देव ऋषि नारद की समाधि को देखकर देवराज इंद्र भयभीत हो गए। देवराज इंद्र को लगा कहीं देव ऋषि नारद की भक्ति से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी कहीं मेरा इंद्रासन देव ऋषि नारद को ना दे दें। इसलिए इंद्र ने देव ऋषि नारद की समाधि को तोड़ने का प्रयत्न किया।

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