नई दिल्ली, जून 29 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न के कारण गर्भवती हुई नाबालिग की ओर से गर्भपात कराने की मांग पर एम्स में गठित एक मेडिकल बोर्ड से जवाब मांगा है। बच्ची ने मां के माध्यम से उच्च न्यायालय का रुख करते हुए अपने 26 हफ्ते के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी है। न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने मेडिकल बोर्ड को नाबालिग की जांच करने और रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि ऐसी रिपोर्ट एक सीलबंद लिफाफे में भेजी जाए या संबंधित मेडिकल बोर्ड के जांच अधिकारी को सीलबंद लिफाफे में लेने की अनुमति दी जाएगी। मामले में आज फिर सुनवाई होगी।

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