सोनभद्र, फरवरी 21 -- अनपरा,संवाददाता। विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन उप्र के 45 वें महाधिवेशन को सम्बोन्धित करते हुए मुख्य वक्ता ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे ने आरोप लगाया कि ऊर्जां क्षेत्र में प्रबनधन द्वारा निजीकरण की असफल कोशिशें की जा रही है। सरकार का साल 2000 में किया गया निगमीकरण का फैसला पूरी तरह विफल साबित हुआ है। आरोप लगाया कि शीर्ष प्रबन्धन अपनी नाकामियों को छिपाने और औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने के लिए गलत आंकड़े देकर प्रदेश के 42 जनपदों की बिजली का निजीकरण करने पर आमादा है। इससे सजग रहने की जरूरत है। इससे पूर्व महाअधिवेशन का शुभारम्भ मुख्य संरक्षक प्रभुनारायण पाण्डेय ने किया। प्रांतीय महामंत्री आरएन तिवारी ने अपने प्रतिवेदन में कहा कि कर्मचारियों की पदोन्नति 15-15 वर्षेा से लम्बित पड़ी है लेकिन...