मधेपुरा, सितम्बर 14 -- ग्वालपाड़ा। नहाय-खाय के साथ शनिवार को जिऊतिया पर्व का विधान शुरू हो गया। व्रती महिलाओं ने स्नान- ध्यान के बाद झींगा के पत्ते पर सरसों तेल और खली चढ़ा कर जीमूतवाहन और पितरों को नमन किया। संतान की लंबी आयु की कामना के साथ की जाने वाली इस कठोर व्रत में निर्जला उपवास रख कर चील और सियार की कथा सुनी जाती है। व्रती महिलाओं ने पूजा के बाद अरवा भोजन ग्रहण किया। बताया गया कि नहाय-खाय के दूसरे दिन रविवार को अहले सुबह पौ फटने से पूर्व ओटघन का प्रसाद ग्रहण कर उपवास की शुरुआत करेंगी। अन्न-जल के बिना चौबीस घंटे उपवास रख कर सोमवार को सुबह में पूजा संपन्न की जाएगी। जिऊतिया पर्व को लेकर हाट-बाजारों में सेव, केला, नारंगी, नारियल आदि फलों के साथ ही फेना मिठाई की खरीदारी जोरों पर रही। निप्र

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