बरेली, अक्टूबर 25 -- सूर्योपासना का महापर्व छठ आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। कल खरना और 27 अक्तूबर की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 28 की सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ महापर्व का समापन होगा। नहाय खाय के दिन श्रद्धालु सुबह नदी या जलाशय में स्नान करते हैं और उसके बाद एक बार शुद्ध भोजन ग्रहण करते हैं। इसके बाद कठिन व्रत और पूजा की तैयारी शुरू होती है। नहाय खाय के दिन रसोई में कांसे या मिट्टी के बर्तन इस्तेमाल किए जाते हैं। भोजन में अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू जैसी उबली सब्जियां बनाई जाती हैं। मान्यता है कि छठ का व्रत संतान प्राप्ति, उनकी कुशलता, सुख-समृद्धि और दीर्घायु के लिए किया जाता है। आयोजन को लेकर शहर के सबसे प्रमुख और बड़े स्थल इज्जतनगर स्थित श्री शिव-पार्वती मंदिर, महात्मा ज्योतिबाफुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय ...