बाराबंकी, मार्च 29 -- बाराबंकी। मेंथा की रोपाई से लेकर सिंचाई व सब्जियों की फसलों के लिए किसानों को पानी की जरूरत है। ऐसे में नहरें सूखी पड़ी हैं। जहां पर नहरों की सुविधा नहीं है, वहां राजकीय नलकूप तो हैं लेकिन 40 से 45 प्रतिशत भूमिगत पाइपलाइन चोक होने से किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। जिन नहरों में कम पानी है, वहां कुलाबों से पानी खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में किसान निजी संसाधनों से फसलों की सिंचाई करने को विवश हैं। डीजल खर्च कर फसलों को सूखने से तो बचा रहे हैं, लेकिन लागत बढ़ रही है। किसान नहरों में पर्याप्त पानी छोड़ने की मांग कर रहे हैं। नहरें सूखी पपिंगसेट से सिंचाई कर रहे किसान: सूरतगंज संवाद के अनुसार: क्षेत्र के दरियाबाद समान्तर डबल नहर से निकली छंदवल व बिलखिया माइनर बीते कई दिनों से सूखी पड़ी है। पानी न हो...
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